श्री राम जन्मभूमि अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए कंडी इलाका में भी दानवीरों में उत्साह व श्रद्धा दिखाई दे रही है। इसी कड़ी में सोमवार
श्री राम जन्मभूमि अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए कंडी इलाका में भी दानवीरों में उत्साह व श्रद्धा दिखाई दे रही है। इसी कड़ी में सोमवार को मां कामाक्षी दरबार कमाही देवी में तपोमूर्ति महंत राज गिरी के सानिध्य में निकटवर्ती गांव बह नंगल के रामेश्वर शर्मा व उनकी पत्नी उमा देवी ने नेक कमाई से 111000 रुपये दिए।
संवाद सहयोगी, दातारपुर : श्री राम जन्मभूमि अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए कंडी इलाका में भी दानवीरों में उत्साह व श्रद्धा दिखाई दे रही है। इसी कड़ी में सोमवार को मां कामाक्षी दरबार कमाही देवी में तपोमूर्ति महंत राज गिरी के सानिध्य में निकटवर्ती गांव बह नंगल के रामेश्वर शर्मा व उनकी पत्नी उमा देवी ने नेक कमाई से 1,11,000 रुपये दिए। रामेश्वर शर्मा और उमा देवी की प्रशंसा करते हुए महंत ने कहा कि आज भी श्रीराम के आदर्शों की प्रासंगिकता है। आपस में भाईचारा, रिश्तों को सहेजने की कला और मानव कल्याण की श्रेष्ठतम उदाहरण दंपती की संपूर्ण कार्यशैली है। महंत जी ने कहा, प्रत्येक युग की यह चाह रही है कि रामराज्य स्थापित हो। महात्मा गांधी ने भी इसकी कल्पना इसलिए की थी कि श्रीराम न्याय, समानता और बंधुत्व के दाता हैं। गांधी भी चाहते थे कि देश के नागरिक नैतिक, ईमानदार और न्यायप्रिय बनें। क्योंकि जिस देश के नागरिकों में यह गुण होंगे, वहां रामराज्य स्थापित होगा।
महंत ने कहा, हर माता-पिता चाहते हैं कि बेटे में श्रीराम के सब गुण हों। हर पत्नी चाहती है कि पति श्रीराम की तरह आदर्शवान हो। यही कारण है कि युग बीतने के बाद भी श्रीराम के आदर्शों को आज भी याद किया जाता है। सच तो यह है, हम भारतीय लोगों के लिए श्रीराम के आदर्श कभी खत्म न होने वाली संपत्ति है। श्रीराम की कार्यप्रणाली कलयुग में इसलिए प्रासंगिक है, क्योंकि आज विश्वभर में आतंकी शक्तियां सिर उठा रही हैं। बढ़ती अराजकता और आतंकी शक्तियों का नाश करने के सच्चे सामर्थ्य का नाम है-श्रीराम। श्रीराम ने आसुरी शक्तियों का नाश करके धर्म की रक्षा की थी। महंत ने कहा, मां और मातृभूमि के लिए जिसने सोने की लंका जीतने के बाद एक क्षण में त्याग दी ऐसे श्रीराम का जीवन मानवों को प्रेरणा देता है कि लालच और पराई संपत्ति हमें कभी भी सुख नहीं देती। इस अवसर पर पंडित बनवारी लाल व शाम मुरारी, अजय शास्त्री, डा. रविद्र सिंह, राजिद्र मेहता उपस्थित थे।
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