अमेठी : दीवाली में अली, राम बसे रमजान, ऐसा होना चाहिए अपना हिन्दुस्तान। क्षेत्र के तमाम मुस्लिम परिवार इन पंक्तियों को चरितार्थ करने में जुटे हुए हैं। अब तक तमाम मुस्लिम परिवार अयोध्या में बनने वाले श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए दानदाताओं की फेहरिश्त में शामिल हो चुके हैं। वैसे तो अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर निर्माण के लिए हर आदमी धनराशि दान कर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा है। लेकिन, यहां तो मुस्लिम समुदाय का उत्साह भी कम नहीं है। अमन व शांति का पैगाम देने वाले सूफी संत मलिक मोहम्मद जायसी की जन्मस्थली में गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल कायम कर रहे मुस्लिम परिवारों ने जो बानगी पेश की है, वह काबिले तारीफ है।

हर कोई श्रीराम मंदिर निर्माण में सहभागी बनने को लेकर उत्साहित दिख रहा है। धनराशि के अलावा लोग श्रमदान को भी आतुर हैं। तमाम लोग इस बाबत पंजीयन भी करा रहे हैं। लेकिन, दानदाताओं की इस मुहिम में मुस्लिम समाज की सहभागिता अहम मानी जा रही है। फेहरिश्त में शामिल होने का उत्साह मुस्लिम परिवारों में भी देखने को मिल रहा है। मुस्लिम परिवारों की इस पहल से क्षेत्र में सामाजिक सौहार्द व कौमी एकता की मिसाल देखने को मिली है। यही नहीं मुस्लिम समुदाय के लोग घर-घर जाकर धन जुटाने में भागीदार बनने को प्रेरित भी कर रहे हैं।

मुस्लिम दानदाताओं में भेलाई कला के प्रधान प्रतिनिधि व व्यवसाई मोहम्मद अशरफ, ढोढनपुर के मोहम्मद कदीर, मोहनगंज के फैयाज अहमद, मीरामऊ के मोहम्मद जाबिर व तामामऊ के मोहम्मद जहीर ने सहयोग राशि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के नाम सौंपी है। मुस्लिम परिवारों की इस पहल की हर ओर सराहना हो रही है। मोहम्मद अशरफ बताते हैं कि इस मुहिम में पूरी टीम लगी हुई है। घर-घर जाकर लोगों को दान के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उनका कहना है कि क्षेत्रीय विधायक मयंकेश्वर शरण सिंह की प्रेरणा से राम मंदिर निर्माण के लिए धन जुटाने का काम किया जा रहा है।