अयोध्या में भव्य राममंदिर निर्माण के लिए चलाए जाने वाले विश्व के सबसे बड़े निधि समर्पण अभियान के नाम पर फर्जीवाड़े की आशंका से विश्व ¨हदू परिषद (व
अयोध्या में भव्य राममंदिर निर्माण के लिए चलाए जाने वाले विश्व के सबसे बड़े निधि समर्पण अभियान के नाम पर फर्जीवाड़े की आशंका से विश्व ¨हदू परिषद (विहिप) पहले से सतर्क है। चंद दिनों बाद 15 जनवरी से विहिप का यह अभियान शुरू होने जा रहा है।
अयोध्या में भव्य राममंदिर निर्माण के लिए चलाए जाने वाले विश्व के सबसे बड़े निधि समर्पण अभियान के नाम पर फर्जीवाड़े की आशंका से विश्व हिंदू परिषद (विहिप) पहले से सतर्क है। चंद दिनों बाद 15 जनवरी से विहिप का यह अभियान शुरू होने जा रहा है, जिसके माध्यम से देश के 65 करोड़ से अधिक रामभक्तों तक पहुंचने की तैयारी है। इसके लिए 10 लाख टोलियों में 40 लाख से अधिक कार्यकर्ता जुटेंगे।
इस अभियान के माध्यम से सैकड़ों करोड़ रुपये जुटने का अनुमान है। मंदिर निर्माण में करीब 1100 करोड़ रुपये खर्च होंगे। तकरीबन 500 वर्ष के इंतजार के बाद भगवान राम के जन्मस्थल पर भव्य राम मंदिर निर्माण का सपना साकार होने जा रहा है। इसमें सहभागिता को लेकर देश के करोड़ों रामभक्तों में उत्सुकता देखी जा रही है। ऐसे में उनकी भावनाओं का कोई गलत फायदा न उठाए तथा दान के नाम पर उनसे ठगी न हो, इसके लिए विहिप ने जागरूकता अभियान भी चलाने की तैयारी की है। इसके लिए इंटरनेट मीडिया का भी सहयोग लिया जाएगा।
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट तथा विहिप के आधिकारिक ट्विटर व फेसबुक अकाउंट के जरिये इसके बारे में स्पष्ट दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे। वाट्सएप ग्रुप का भी व्यापक इस्तेमाल होगा। इसी तरह विहिप के मुखपत्र ¨हदू विश्व पत्रिका के आगामी अंक में भी इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी। विहिप के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के मुताबिक अभी से ही मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश समेत देश के विभिन्न भागों से राम मंदिर के नाम पर अनधिकृत लोगों तथा संगठनों की तरफ से धन संग्रह की सूचनाएं मिल रही हैं। कुछ मामलों में मुकदमे भी दर्ज हुए हैं। इसलिए रामभक्तों को जागरूक करना आवश्यक है।
विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि बिना कूपन या रसीद के किसी को धनराशि न दें। इस अभियान के लिए विशेष रूप से रसीद और कूपन जारी किए जाएंगे, जिसमें रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का लोगो लगा होगा। ट्रस्ट की ओर से 10, 100 व 1000 रुपयों के कूपन तथा इससे अधिक की राशि पर अनिवार्य रूप से रसीद देने की व्यवस्था की गई है। वहीं, 20 हजार रुपये से अधिक की राशि चेक से या बैंक खाते में ही स्वीकार होगी।
उन्होंने बताया कि ट्रस्ट के तीन आधिकारिक बैंक खातों का भी व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा, क्योंकि इसके नाम पर भी फर्जीवाड़े की आशंका है। उन्होंने आग्रह करते हुए कहा कि किसी भी प्रकार के फर्जीवाड़े की आशंका पर संगठन के स्थानीय लोगों से संपर्क करें।
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