राम भक्तों के लिए शुभ समाचार! इस महीने से शुरू हो जाएगा मंदिर निर्माण

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने पहले ही यह घोषणा की है कि राम मंदिर 39 महीनों बन कर तैयार हो जाएगा.   Source

श्रीराम की पुरुषार्थ ,पराक्रम और वीर वृत्ति हमारे रग -रग में है ,उसे हमने खोया नहीं सब राम के हैं और सबमें राम हैं ,हमें अपने मन की अयोध्या को सजाना संवारना है
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राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने पहले ही यह घोषणा की है कि राम मंदिर 39 महीनों बन कर तैयार हो जाएगा.  

राम भक्तों के लिए शुभ समाचार! इस महीने से शुरू हो जाएगा मंदिर निर्माण Source – Zee News

अयोध्या: रामनगरी अयोध्या में रामलला मंदिर के निर्माण के लिए नींव की खुदाई का काम इसी महीने से शुरू होने जा रहा है. इस बात की पुष्टि श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने की है. अनिल मिश्र ने बताया कि राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने निर्माण कंपनी लार्सन एंड टूब्रो के साथ सहयोगी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी के सुझाव के बाद यह तय किया है कि जनवरी 2021 में ही नींव निर्माण का काम शुरू होगा.

मॉनसून के पहले ही पूरा हो जाएगा नींव का काम
ट्रस्टी अनिल मिश्र ने बताया कि मिट्टी हटाकर प्राचीन पद्धति से जिस तरीके से नींव का निर्माण किया जाता रहा है, उसी के आधार पर राम मंदिर निर्माण की नींव भी बनेगी. हांलाकि, अभी यह तय नहीं हुआ है कि इसमें किस तरीके के मटीरियल का प्रयोग किया जाएगा. मंदिर की नींव कितनी गहरी होगी, यह निर्माण कंपनी के कार्य और सुझाव पर निर्भर करता है. लेकिन यह तय है कि इस साल मॉनसून से पहले ही राम मंदिर निर्माण के लिए नींव का कार्य पूरा कर लिया जाएगा.

सोनभद्र-मिर्जापुर के पत्थरों का किया जाएगा प्रयोग
राम मंदिर की नींव में सोनभद्र मिर्जापुर के लाल पत्थरों का इस्तेमाल किया जाएगा. लेकिन राम मंदिर पूर्व के प्रस्तावित और तराशे गए राजस्थान के बंसी पहाड़पुर के पिंक स्टोन के पत्थरों से ही बनेगा. डॉ. अनिल मिश्र का कहना है कि सोनभद्र और मिर्जापुर के पत्थर नींव के लिए सुलभ हैं. उनको खरीदने की कार्यवाही की जा रही है. नींव के अलावा, राम मंदिर का बेस बनाने के लिए भी मिर्जापुर-सोनभद्र के पत्थरों का प्रयोग किया जा सकता है. इस पर अभी विचार चल रहा है.

प्राचीन पद्धति से बनाई जाएगी नींव
राम मंदिर निर्माण समिति ने यह फैसला लिया है कि नींव प्राचीन पद्धति से निर्मित की जाएगी. इससे पहले लार्सन एंड टूब्रो 1200 खंभों पर आधारित राम मंदिर निर्माण के कार्य पर लगी हुई थी, लेकिन जमीन के नीचे मिट्टी का बेस नहीं मिलने की वजह से इस पर विचार छोड़ दिया गया. राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने पहले ही यह घोषणा की है कि राम मंदिर का निर्माण 39 महीनों में हो जाएगा.

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