सरकारी पैसे से नहीं राम भक्तों के सहयोग से बनेगा राम मंदिर, आप भी बन सकते हैं ‘रामकाज’ का हिस्सा

धन एकत्रित करने के लिए जनसंपर्क का कार्य विश्व हिंदू परिषद के सहयोग से मकर संक्रांति से शुरू होगा और माघ पूर्णिमा तक चलेगा. चंपत राय ने दावा किया है

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Ram temple movement has restructured discourse, recast polity
भव्य राम मंदिर निर्माण में योगदान के लिए खुला केंद्रीय कार्यालय

धन एकत्रित करने के लिए जनसंपर्क का कार्य विश्व हिंदू परिषद के सहयोग से मकर संक्रांति से शुरू होगा और माघ पूर्णिमा तक चलेगा. चंपत राय ने दावा किया है कि देश का कोई कोना नहीं छूटेगा.

सरकारी पैसे से नहीं राम भक्तों के सहयोग से बनेगा राम मंदिर, आप भी बन सकते हैं 'रामकाज' का हिस्सा
श्रीराम मंदिर का मॉडल

रामनगरी में बनने वाले रामलला के भव्य मंदिर के लिए ट्रस्ट सरकारी धन का उपयोग नहीं करेगा, बल्कि इसके लिए प्रभु राम के भक्तों से आर्थिक सहयोग लिया जाएगा. सहयोग राशि से ही मंदिर का निर्माण होगा. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने इस बात की जानकारी दी है कि करोड़ों राम भक्तों के स्वैच्छिक सहयोग से ही ट्रस्ट मंदिर का निर्माण करेगा.

कैसे कर सकते हैं दान ?
चंपतराय ने कहा है कि श्रीराम जन्मभूमि को प्राप्त करने के लिए 500 साल तक संघर्ष किया गया है. ऐसे में हम सभी की इच्छा है कि राम मंदिर करोड़ों लोगों के स्वैच्छिक सहयोग से बने. उन्होंने बताया कि जनसंपर्क के दौरान लाखों कार्यकर्ता गांव-गांव और मोहल्लों में जाएंगे. इस दौरान समाज स्वेच्छा से कुछ न कुछ सहयोग करेगा और उसी समर्पण को कार्यकर्ता स्वीकार करेंगे. उन्होंने का कि भगवान का काम है और इसमें धन बाधा नहीं बन सकता. आर्थिक पारदर्शिता बनाए रखने के लिए ट्रस्ट की ओर से 10 रुपये, 100 रुपये,1000 रुपये के कूपन व रसीदें छापी गई हैं. जो जितना दान करेगा, उसी के अनुरूप कूपन या रसीद उन्हें दी जाएगी.

मकर संक्रांति से शुरू होगा जनसंपर्क अभियान 
धन एकत्रित करने के लिए जनसंपर्क का कार्य विश्व हिंदू परिषद के सहयोग से मकर संक्रांति से शुरू होगा और माघ पूर्णिमा तक चलेगा. चंपत राय ने दावा किया है कि देश का कोई कोना नहीं छूटेगा. अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, अंडमान निकोबार, कच्छ के रण से लेकर त्रिपुरा तक कार्यकर्ता पहुंचेंगे और राम भक्तों से मुलाकात करेंगे.

श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने कहा है कि मंदिर की नींव का प्रारूप जल्द सामने आएगा. संपूर्ण मंदिर पत्थरों का बनेगा ताकि अगले 1000 वर्षों तक सुरक्षित रहे. आईआईटी मुंबई, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी चेन्नई तथा आईआईटी गुवाहाटी, सीबीआरआई रुड़की, लार्सन टुब्रो और टाटा के इंजीनियर्स नीव की ड्राइंग पर आपस में परामर्श कर रहे हैं. मंदिर की प्रत्येक मंजिल की उंचाई 20 फीट, लंबाई 360 फीट तथा चौड़ाई 235 फीट होगी. बताया जा रहा है कि मंदिर का फर्श धरातल से 16.5 फीट ऊंचा होगा.

भूमिपूजन के बाद मिली कार्य को गति 
5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर के भूमिपूजन के लिए खुद अयोध्या पहुंचे थे. इसके बाद ही मंदिर निर्माण के कार्य को गति मिली है. तब से लगातार मंदिर के डिजाइन, इसके लिए पत्थरों को चमकाने और फंड की व्यवस्था करने पर काम चल रहा है. ट्रस्ट का लक्ष्य है कि अगले 3 साल में राम मंदिर बनकर तैयार हो जाए.

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