संपूर्ण हिन्दू समाज के सहयोग से अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण होगा। इसके लिए सभी जाति, भाषा के लोग सहयोग करने के लिए तैयार हैं। श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण निधि समर्पण अभियान से जुडऩे के लिए हर कोई तैयार है। सर्वत्र उत्साह का माहौल है। उक्त बातें विश्व हिन्दू परिषद के क्षेत्रीय संगठन मंत्री वीरेंद्र विमल ने संवाददाता सम्मेलन कर कही।

खलीफाबाग चौक स्थित श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण निधि समर्पण अभियान समिति के कार्यालय में उन्होंने कहा कि लगभग 500 वर्षों का संघर्ष काल समाप्त हुआ। नवनिर्माण की बेला आई है। 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, महंत नृत्य गोपाल दास, आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत के द्वारा अयोध्या में भूमि पूजन के साथ ही राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर के निर्माण के कार्य का शुभारंभ हो चुका है। भगवान श्रीराम को अपना आदर्श मानने वाले निधि समर्पण को उत्सुक हैं। वे प्रतीक्षारत हैं कि कब राम भक्तों की टोलियां उनके द्वार पर आएगी और उनका समर्पण स्वीकार करेगी।

उन्होंने बताया कि देश के सवा पांच लाख गांव के 13 करोड़ परिवारों एवं 65 करोड़ राम भक्तों से संपर्क करने के लिए चार लाख कार्यकर्ता निकल पड़े हैं। बिहार में 10 हजार से अधिक संपर्क टोलियो में 50 हजार से अधिक राम भक्त कार्यकर्ता गांव-गांव, डगर-डगर, घर-घर जा रहे हैं। अभियान का उद्देश्य निधि समर्पण स्वीकार करना तो है ही, साथ ही नगरवासी, ग्रामवासी, वनवासी, भाई-बहनों से संपर्क कर उन्हेंं सम्मान, प्रेम, सुरक्षा, समरसता, भक्ति एवं एकात्मकता के सूत्र में बांधकर एक समर्थ शक्तिशाली हिन्दू समाज का निर्माण करना भी है। राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के साथ-साथ भारतवर्ष फिर से अपनी प्राचीन गौरव-गरिमा को प्राप्त कर विश्व का सिरमौर बनेगा।

श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण निधि समर्पण अभियान के अध्यक्ष प्रो. राणा प्रताप सिंह ने बताया कि जिले में 375 संपर्क टोलियां बनाई गई हैं। चार हजार कार्यकर्ता कार्य कर रहे हैं। टोलियां सभी वार्डों के सभी गलियों तक पहुंच रही है।