धनंजय वर्मा, साहिबाबाद। चार साल की राधिका ने लाकडाउन में रामायण देखी तो वह प्रभु श्रीराम की भक्ति से सराबोर हो गई। अब अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण की बात सुनी तो राधिका ने अपनी गुल्लक तोड़ दी। नकद की जगह चेक देना था तो राधिका ने दादी को पैसे देकर राम मंदिर निर्माण के लिए चेक बनवाया। यह चेक राधिका ने श्री राम मंदिर निर्माण समिति को दिया।

राधिका की आस्था व मदद आज लोगों में चर्चा का विषय बनी हुई है। इतना ही नहीं राधिका आनलाइन क्लास में अपने शिक्षकों और सहपाठियों से भी अनुदान कर प्रभु श्रीराम से जुड़ने की अपील कर रही हैं। राधिका बिश्नोई अपने माता-पिता गीता, अंकित और दादी ललिता बिश्नोई के साथ गाजियाबाद के गोविंदपुरम में रहती हैं। चार वर्षीय राधिका गुरुकुल द स्कूल में नर्सरी कक्षा की छात्रा हैं। उनके पिता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े हैं।

कोरोना काल में लाकडाउन के दौरान राधिका ने परिवार के साथ पूरी रामायण देखी। इसके बाद वह प्रभु श्रीराम की भक्ति से जुड़ गई। राम मंदिर के शिलान्यास की खबर देखी तो उन्होंने अपनी दादी से अयोध्या के बारे में पूछा। इसके बाद उन्हें जानकारी हुई कि मंदिर की जमीन पर विवाद था, सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अब भव्य राम मंदिर के निर्माण का निर्णय लिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण का शिलान्यास किया।

गुल्लक के रुपये देकर बनवाया चेक:

आरएसएस के सभी अनुसांगिक संगठन मिलकर अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए निधि संग्रह कर रहे हैं। गाजियाबाद से 31 करोड़ रुपये संग्रह का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए अभियान चलाया जा रहा है। राधिका पिछले करीब आठ माह से गुल्लक में पैसा एकत्र कर रही थीं। राधिका ने अपना गुल्लक तोड़ा तो उसमें से 21 सौ रुपये निकले। राम मंदिर के लिए सिर्फ चेक से योगदान देना था तो उन्होंने अपनी दादी से चेक बनवाया। यह चेक उन्होंने श्रीराम मंदिर निर्माण समिति के सदस्यों को दिया।

राधिका का यह सहयोग लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है। दूसरों को भी जागरूक कर रहीं राधिका: राधिका की आनलाइन कक्षाएं चल रही हैं। उन्होंने अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए आर्थिक मदद देने की बात शिक्षकों व सहपाठियों से बताई। साथ ही उन्होंने शिक्षकों व सहपाठियों से भी अपनी क्षमता के अनुसार अनुदान कर आस्था और प्रभु श्रीराम से जुड़ने की अपील की। राधिका जिससे भी मिलती हैं, राम-राम कहती हैं। इसके बाद मंदिर के लिए सहयोग करने की अपील भी करती हैं।

रसीद का इंतजार:

राधिका ने जो अनुदान दिया है। इसके लिए उन्हें रसीद मिलेगी। यह साक्ष्य होगा कि राधिका ने अनुदान दिया है। इस रसीद को राधिका घर के मंदिर में रखेंगी। बता दें कि राम मंदिर निर्माण में अनुदान देने वाले सभी लोगों को रसीद दी जा रही है।