डॉ. नेहाल रजा 11 हजार का चेक देने की तैयारी में तो आफाक अहमद ने कहा श्रीराम खुदा के पैगंबर और उनके मंदिर के लिए दान देकर खुशी होगी. शीर्ष विहिप ने
डॉ. नेहाल रजा 11 हजार का चेक देने की तैयारी में तो आफाक अहमद ने कहा श्रीराम खुदा के पैगंबर और उनके मंदिर के लिए दान देकर खुशी होगी. शीर्ष विहिप नेता के आह्वान से प्रशस्त हो रही सदभाव की नयी संभावना.
Source – Jagran
अयोध्या : रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण में मुस्लिम भी सहयोग करेंगे। यह संभावना मंदिर निर्माण के लिए चलाये जा रहे समर्पण निधि अभियान से जुड़े शीर्ष विहिप नेता राजेंद्र सिंह पंकज के रुख के अलावा स्थानीय मुस्लिमों से भी परिभाषित हो रही है। मीडिया से बातचीत में पंकज ने गत दिनों यह स्पष्ट किया कि मंदिर निर्माण में यदि मुस्लिम सहयोग करते हैं, तो उनका स्वागत है। इसी के साथ ही उन्होंने बताया कि राम मंदिर वस्तुत: राष्ट्र मंदिर के रूप में निर्मित हो रहा है और इसके निर्माण में हर जाति, मत, पंथ, संप्रदाय, क्षेत्र के लोगों का सहयोग लिया जायेगा। पंकज का आह्वान कितना फलीभूत होगा, यह तो भविष्य के गर्भ में है लेकिन हकीकत तो यह है कि ऐसे आह्वान के पूर्व से ही मुस्लिम मंदिर निर्माण में सहयोग का मन बनाते नजर आ रहे हैं। प्रख्यात समाजसेवी एवं लायंस क्लब के डिस्ट्रिक्ट चेयरमैन डॉ. नेहाल रजा तीन माह पूर्व ही मंदिर निर्माण के लिए जिलाधिकारी को 11 हजार का चेक समर्पित करने गये थे, पर उस समय मंदिर निर्माण के लिए रामलला का बैंक खाता सुनिश्चित न होने से जिलाधिकारी उनका चेक स्वीकार नहीं कर सके थे। डॉ. नेहाल जल्द ही पुन: यह चेक समर्पित करने के लिए जिलाधिकारी या रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के किसी जिम्मेदार सदस्य से भेंट करने की तैयारी में हैं। श्रीराम के जिक्र पर वे इकबाल की यह मशहूर रचना सुनाते हैं, है राम के वजूद पे/ हिदोस्तां को नाज/ अहले नजर समझते हैं/ उनको इमामे हिद। डॉ. नेहाल कहते हैं कि जिस तरह मस्जिद के लिए दान देंगे, उसी तरह मंदिर के लिए भी। डॉ. नेहाल के शीर्षस्थ रामकथा मर्मज्ञ मोरारी बापू से नजदीकी रिश्ते भी हैं और वे बापू द्वारा भेंट की गयी राम नाम अंकित शाल ओढ़ कर मंदिर निर्माण के लिए निधि समर्पण करना चाहते हैं। मंदिर निर्माण के लिए एक अन्य समाजसेवी आफाक अहमद उर्फ भोलू भाई भी निधि समर्पण की तैयारी में हैं। भोलू उन हाजी फेकू के पौत्र हैं, जो बाबरी मस्जिद के मुद्दई थे। भोलू कहते हैं, निर्णय आने के साथ विवाद खत्म हो गया और हमारे लिए श्रीराम खुदा न हों, पर खुदा के विशेष दूत के रूप में हम उनका आदर करते हैं और यदि हमें अवसर मिला, तो हमें राम मंदिर के लिए दान देकर खुशी होगी। मकर संक्रांति यानी 15 जनवरी से राम मंदिर के लिए निधि समर्पण अभियान शुरू हो रहा है। यह अभियान माघ पूर्णिमा यानी 27 फरवरी तक चलेगा। अभियान के तहत आरएसएस और उसके सहयोगी संगठनों के कार्यकर्ता देश के चार लाख गांवों के 11 करोड़ परिवारों तक पहुंच कर मंदिर निर्माण के लिए निधि एकत्रित करेंगे।
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